भारत में बहुत सारी आकर्षक प्राचीन इमारतें हैं जो हमें हमारा इतिहास बतलाती हैं और हमें विस्मित भी करती हैं। यह हमारे इतिहास को जानने के लिए हमारी रुचि को बढ़ावा देती है। ऐतिहासिक स्थानों पर यात्रा करने से छात्र अपनी कक्षा की शिक्षा को वास्तविक दुनिया से जोड़कर देख पाते हैं और यह बोरियत को भी मिटाता है। मुझे ऐतिहासिक इमारतों को करीब से जानने का बहुत शौक है इसलिए मैंने अपने मित्रों के साथ ताजमहल घूमने की योजना बनाई।
हम चार दोस्तों ने पिछले हफ्ते अपनी कार से आगरा जाने का निश्चय किया। हमने दिल्ली से आगरा पहुँचने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे का मार्ग निश्चित किया। रास्ते में एक भोजनालय में हमनें नाश्ता किया और लगभग 11 बजे हम आगरा शहर में प्रवेश कर गए। हमने अपनी कार पूर्वी गेट पार्किंग में लगा दी और स्मारक के प्रवेश द्वार तक पहुँचने के लिए बैटरी से चलने वाला ऑटो-रिक्शा लिया। ताजमहल के प्रवेश द्वार पर, हमने टिकट खरीदे और सुरक्षा जांच से गुजर कर भीतर प्रवेश किया।
भीतर प्रवेश करने पर हमें दो बड़े लॉन दिखे, जिनके मध्य में, मुख्य मकबरे तक पहुँचने के लिए रास्ता था। और इस रास्ते के साथ में लगे फव्वारे इसकी शोभा बड़ा रहे थे। हमने देखा कि ताज एक उठे हुए मंच पर खड़ा है। इसके चारों कोनों पर चार बुलंद मीनारें हैं। यह एक हाथी दांत जैसे सफेद संगमरमर का मकबरा है जो कि भारतीय शहर आगरा में यमुना नदी के दक्षिण तट पर स्थित है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था।
यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और विश्व के सात अजूबों में से एक है। यह चांदनी रात में बहुत खूबसूरत लगता है इसलिए यादों को उल्लेखनीय और चिरस्थायी बनाने के लिए लोग पूर्णिमा की रात में ताजमहल को घूमना करना पसंद करते हैं। ताजमहल जैसी सबसे खूबसूरत इमारत को देखने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग यहाँ आते हैं।
काफी देर तक अंदर रहने के बाद हमने वहाँ से जाने का फैसला किया। ताजमहल की यात्रा पूरी तरह से मजेदार और शैक्षिक थी। दुनिया में ऐसी बहुत सारी खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतें हैं जिन्हें मैंने नहीं देखा है। लेकिन यदि मेरा दोबारा आगरा आना हुआ तो मैं इसे फिर से देखना चाहूँगा।
हम चार दोस्तों ने पिछले हफ्ते अपनी कार से आगरा जाने का निश्चय किया। हमने दिल्ली से आगरा पहुँचने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे का मार्ग निश्चित किया। रास्ते में एक भोजनालय में हमनें नाश्ता किया और लगभग 11 बजे हम आगरा शहर में प्रवेश कर गए। हमने अपनी कार पूर्वी गेट पार्किंग में लगा दी और स्मारक के प्रवेश द्वार तक पहुँचने के लिए बैटरी से चलने वाला ऑटो-रिक्शा लिया। ताजमहल के प्रवेश द्वार पर, हमने टिकट खरीदे और सुरक्षा जांच से गुजर कर भीतर प्रवेश किया।
भीतर प्रवेश करने पर हमें दो बड़े लॉन दिखे, जिनके मध्य में, मुख्य मकबरे तक पहुँचने के लिए रास्ता था। और इस रास्ते के साथ में लगे फव्वारे इसकी शोभा बड़ा रहे थे। हमने देखा कि ताज एक उठे हुए मंच पर खड़ा है। इसके चारों कोनों पर चार बुलंद मीनारें हैं। यह एक हाथी दांत जैसे सफेद संगमरमर का मकबरा है जो कि भारतीय शहर आगरा में यमुना नदी के दक्षिण तट पर स्थित है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था।
यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और विश्व के सात अजूबों में से एक है। यह चांदनी रात में बहुत खूबसूरत लगता है इसलिए यादों को उल्लेखनीय और चिरस्थायी बनाने के लिए लोग पूर्णिमा की रात में ताजमहल को घूमना करना पसंद करते हैं। ताजमहल जैसी सबसे खूबसूरत इमारत को देखने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग यहाँ आते हैं।
काफी देर तक अंदर रहने के बाद हमने वहाँ से जाने का फैसला किया। ताजमहल की यात्रा पूरी तरह से मजेदार और शैक्षिक थी। दुनिया में ऐसी बहुत सारी खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतें हैं जिन्हें मैंने नहीं देखा है। लेकिन यदि मेरा दोबारा आगरा आना हुआ तो मैं इसे फिर से देखना चाहूँगा।
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