वर्तमान में हमारे देश के समक्ष सबसे गंभीर मुद्दा तेजी से बढ़ती जनसंख्या की समस्या है। चीन दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला पहला देश है। इसके बाद भारत आता है। हर साल हमारी आबादी में एक नया ऑस्ट्रेलिया जुड़ जाता है। अगर यह समस्या हल नहीं हुई, तो हम एक खुशहाल, स्वस्थ और समृद्ध जीवन नहीं जी सकते।

जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव हर जगह महसूस किया जाता है। ट्रेनों में भीड़ ज्यादा है। गाँवों में भूमि विभाजित है और आगे आने वाली पीढ़ियों में फिर विभाजित होती है। बेरोजगारों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जंगल गायब हो रहे हैं। आवास की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। बढ़ती जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे के व्यक्तियों को बढ़ाती है और ये लोग जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के अपर्याप्त ज्ञान के साथ जन्म दर में अधिक योगदान देते हैं।

इस समस्या के कई कारण हैं। भारत एक गर्म देश है, तो स्वाभाविक रूप से, यहाँ प्रजनन दर अधिक है। बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के कारण मृत्यु दर में गिरावट आई है। इस समस्या को गंभीर बनाने के लिए हमारे सामाजिक रीति-रिवाज भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि यहाँ निःसंतान या अविवाहित व्यक्ति को असम्मान की दृष्टि से आंका जाता हैं। आज भी कई पिछड़े गांवों में कम उम्र में विवाह की प्रथा प्रचलित है और बाल-बच्चों वाले विधुर फिर से विवाह करके प्रजनन दर में वृद्धि करते है। महिलाओं की अशिक्षा भी जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण है।

जनसंख्या वृद्धि की जाँच करने की तत्काल आवश्यकता है। इसके लिए परिवार नियोजन ही एकमात्र उपाय है, परिवार नियोजन या कल्याण का मतलब परिवार में बच्चों की संख्या को नियंत्रित रखना है। नियोजित परिवार इस समय की मांग है। हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बच्चे जितने कम होंगे, उनकी देखभाल उतनी ही अच्छी और बेहतर होगी और उनका जीवन खुशहाल होगा।

हम जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं। सरकार को परिवार नियोजन और जन्म नियंत्रण अभियानों को लागू करना चाहिए। शादी की न्यूनतम आयु बढ़ाई जानी चाहिए। महिलाओं के लिए मुफ्त शिक्षा और अधिक रोजगार होने चाहिए। यदि कुछ शादीशुदा जोड़ों को महंगे प्रजनन उपचार के बाद भी कोई बच्चा नहीं है तो वे अनाथ बच्चों को गोद ले सकते हैं। किसी भी व्यक्ति पर शादी और बच्चे करने के लिए सामाजिक रूप से दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। सरकार ने इस गंभीर मुद्दे को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं लेकिन ये कदम इस समस्या को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। अगर सरकार और लोग मिल कर प्रयास करें तो इस समस्या का समाधान हो सकता है।

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