महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है। उन्हें हम लोग राष्ट्रपिता और बापू के नाम से भी जानते है।महात्मा गाँधी अपनी सदी के सबसे महान व्यक्तियों में से एक थे। वह न केवल एक महान राजनीतिज्ञ थे बल्कि एक महान सामाजिक और धार्मिक नेता भी थे। वह सत्य, शांति और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने अपना सब कुछ अपने देश और देशवासियों के लिए न्योछावर कर दिया था। सत्य और अहिंसा के उनके सिद्धांतों को पूरी दुनिया में आज भी सराहा जाता है।
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबन्दर, गुजरात में हुआ था। प्रत्येक वर्ष उनका जन्म दिन भारत में गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। उनके पिता का नाम करमचन्द और माता का नाम पुतलीबाई है। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी है जिनसे उनका विवाह 13 वर्ष की आयु में हुआ था।उनके बच्चों के नाम हरीलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास है। मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात वे बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गए थे।
भारत वापसी के बाद महात्मा गाँधी ने बम्बई उच्च न्यायालय में वकालत शुरू कर दी परन्तु इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 1913 में, वे दक्षिण अफ़्रीका चले गए, वहाँ उन्होंने गोरों द्वारा भारतीयों पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई। उन्होंने भारतीयों की दशा सुधारने के लिए सत्याग्रह आंदोलन किया और वे तब तक चैन से नहीं बैठे जब तक भारतीय राहत अधिनियम पारित नहीं हुआ।
सन 1915 में, गाँधी जी दक्षिण अफ़्रीका से भारत लौट आये और यहाँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। उन्होंने सत्य, अहिंसा और शांति को भारत में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध शस्त्र की तरह उपयोग किया। और उन्होंने पूर्ण स्वराज प्राप्त करने के लिए वर्ष 1920 में असहयोग आंदोलन, सन 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा साल 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरुवात की। इन सब विरोधों के लिए वे कई बार जेल भी गए। ऐसे कई अथक प्रयासों के बाद भारतीयों की विजय हुई और वर्ष 1947 को भारत को ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला भवन में गाँधी जी को नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या की गयी थी। गाँधीजी वास्तव में संसार की रोशनी थे उन्होंने भारतवर्ष और संसार को प्रेम, सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखलाया। वे जीवन भर तथा जीवन उपरान्त अपने इन्हीं आदर्शो के लिए जाने गए और आगे भी इसी प्रकार जाने जायेगे। भारत और उसकी आज़ादी गाँधी जी को सदैव याद रखेंगी।
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महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबन्दर, गुजरात में हुआ था। प्रत्येक वर्ष उनका जन्म दिन भारत में गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। उनके पिता का नाम करमचन्द और माता का नाम पुतलीबाई है। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी है जिनसे उनका विवाह 13 वर्ष की आयु में हुआ था।उनके बच्चों के नाम हरीलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास है। मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात वे बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गए थे।
भारत वापसी के बाद महात्मा गाँधी ने बम्बई उच्च न्यायालय में वकालत शुरू कर दी परन्तु इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 1913 में, वे दक्षिण अफ़्रीका चले गए, वहाँ उन्होंने गोरों द्वारा भारतीयों पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई। उन्होंने भारतीयों की दशा सुधारने के लिए सत्याग्रह आंदोलन किया और वे तब तक चैन से नहीं बैठे जब तक भारतीय राहत अधिनियम पारित नहीं हुआ।
सन 1915 में, गाँधी जी दक्षिण अफ़्रीका से भारत लौट आये और यहाँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। उन्होंने सत्य, अहिंसा और शांति को भारत में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध शस्त्र की तरह उपयोग किया। और उन्होंने पूर्ण स्वराज प्राप्त करने के लिए वर्ष 1920 में असहयोग आंदोलन, सन 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा साल 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरुवात की। इन सब विरोधों के लिए वे कई बार जेल भी गए। ऐसे कई अथक प्रयासों के बाद भारतीयों की विजय हुई और वर्ष 1947 को भारत को ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला भवन में गाँधी जी को नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या की गयी थी। गाँधीजी वास्तव में संसार की रोशनी थे उन्होंने भारतवर्ष और संसार को प्रेम, सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखलाया। वे जीवन भर तथा जीवन उपरान्त अपने इन्हीं आदर्शो के लिए जाने गए और आगे भी इसी प्रकार जाने जायेगे। भारत और उसकी आज़ादी गाँधी जी को सदैव याद रखेंगी।
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