मुझे मेलों में जाना बहुत पसंद है। प्रतिवर्ष मेरे देश में विभिन्न प्रकार के मेले निर्धारित समयों और स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं। जिनमें से कुछ धार्मिक होते हैं, कुछ व्यावसायिक होते हैं और कुछ सामाजिक होते हैं। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में हर साल कई मेले आयोजित किए जाते हैं लेकिन वहाँ आयोजित होने वाले मेलों में मेरा सबसे पसंदीदा मेला, भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) है।

पिछले साल नवंबर के महीने में, मैंने अपने चार दोस्तों के साथ आईआईटीएफ में जाने के लिए योजना बनाई। हमने नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के कस्टमर केयर सेंटर से टिकट खरीदे। हम सुबह 10 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे और गेट नंबर 10 से प्रवेश किया जो प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के पास था।

वहाँ हॉलों के अनुसार प्रदर्शनी आयोजित थी। हमने पहले हॉल 11 में प्रवेश किया। हॉल नंबर 11 में सौंदर्य प्रसाधन, स्वास्थ्य उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसोई के उपकरण, कंप्यूटर बाह्य उपकरण, मोबाइल फोन, खाद्य उत्पाद, चमड़े के उत्पाद और वस्त्र थे। ये उत्पाद ऑफ़र और छूट के साथ उपलब्ध थे। हॉल 12 और 12 ए में सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्टॉल थे। हमने झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, असम और ओडिशा के स्टाल देखे। वे सभी अपनी राज्य की संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और वे अपने राज्य के उत्पादों को बेच रहे थे। मुझे हाथ से कढ़ाई किये हुए परिधान, सजावटी उत्पाद, बैग, हस्तनिर्मित सूखी घास के बक्से और हस्तनिर्मित गहने पसंद आये। दिल्ली प्रदर्शन में एक स्टाल था जिसमें तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद थे।

हॉल नंबर 9 और 10 में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड थे। ड्राई फ्रूट्स के स्टॉल, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, क्रॉकरी, कालीन और इत्र की कई किस्में उपलब्ध थीं। मैंने तुर्की स्थित लैम्प विक्रेता से एक बहुत सुंदर हस्तनिर्मित लैम्प खरीदा। मैंने मिस्र के स्टाल से एक स्मारिका भी खरीदी। मंच पर हो रहे सांस्कृतिक नृत्य प्रदर्शन ने बहुत सारे आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित किया और जिसका लुफ्त हमने भी उठाया।

शाम ढल रही थी और हम थक चुके थे। इसलिए हमने वापस घर लौटने का फैसला किया। एक ही स्थान पर इस तरह की विभिन्न चीजों को देखना हमारे लिए एक अद्भुत अनुभव था।

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